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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं more info पठेत्।

छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता

It is amazingly secretive – we really need to go deeply inside and recognize the which means of such mantras.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥

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